फोबिया

 
"फोबिया" एक प्रकार का डर मनोविज्ञान में जिसे दुर्भीति कहते है... फोबिया मतलब जिसमे व्यक्ति किसी विशेष वस्तु या विशेष परिस्थिति से निरंतर एवं कम ज्यादा मात्रा मे डरने लगता है जबकि वह डर निराधार होता है अर्थात जिससे व्यक्ति को न के बराबर खतरा होता है
उदाहरण... जैसे मकड़ी का डर
फोबिया मे व्यक्ति फोबिया उत्पन्न करने वाली चीज़ों से दूर रहना पसंद करता है फोबिया मे डर के अलावा व्यक्ति मे तनाव , सिरदर्द ,पीठ दर्द , पेट की गड़बड़ी आदि देखी जा सकती है ।
प्रकार 


अगर फोबिया के प्रकार की बात की जाए तो ये तीन प्रकार के होते हैं
1. विशिष्ट फोबिया  2.  एगोराफोबिया 3 . सामाजिक फोबिया
विशिष्ट फोबिया की बात की जाए तो, हवा का डर,अकेलेपन का डर ,गंदा होने का डर,कैंसर का डर,लाश का डर ,पुल पार करने का डर,भीड़ का डर,अंधेरे से डर,खाली कमरे का डर,आग का डर,असफलताओं का डर,रोगाणुओं का डर,संक्रामक होने का डर,आवाज का डर,ग़रीबी का डर,लैंगिक संबंध का  डर,शादी का डरपानी ,हवा कीड़े मकोड़े आदि का डर
इस प्रकार बहुत से फोबिया व्यक्ति को हो सकते है.. सामान्यत इन डरो मे व्यक्ति को डर से कोई बात नही होती किन्तु  बावजूद व्यक्ति इनसे डरता है ।
एगोराफोबिया भीड भाड या बाजार स्थलों से होने वाला डर मे व्यक्ति को यह लगता ऐसी जगहों पर उसकी जान को नुक्सान हो सकता है।फोबिया के 60%रोगी ये ही होते है इस प्रकार का फोबिया महिलाओं में अधिक होता है।कभी कभी हम इसकी पैनिक स्टेज भी देख सकते है जब व्यक्ति दरवाजे को बार-बार चैक करता है की वह ठीक से बंद है के नही, वह अपने बैड के नीचे यह देखता है की कोई बैठा है के नही ।
सामाजिक फोबिया मे व्यक्ति हर उस परिस्थिति से डरता है जिसमें उसका मूल्यांकन होता है
ये लोग आमतौर पर परिवार समाज के लोगों से बचते हैं यहां तक की उनकी टायलेट बाथरुम भी इस्तेमाल नहीं करते ‌।
कारण: 


1.जैविक कारण , जैविक कारणों मे आनुवांशिकता तथा स्वायत तंत्रिका को प्रमुख कारण माना है।


2.मनोविश्लैषण काश्रणो मे दमित इच्छाओं को प्रमुख कारण माना गया है ।
3. व्यवहार परक कारणों मे दोषपूर्ण सीखने की विधि अथवा वातावरण के प्रभाव को प्रमुख कारण माना गया है ।


उपचार :


 जैविक उपचाय के अन्तर्गत व्यक्ति को चिंता विरोधी औषधियों के द्वारा ठीक करने का प्रयास किया जाता है ।
2. मनोविश्लैषण उपचार मे उसकी दमित इच्छाओं को जानकर उन्हे साइकोथेरेपी देते हैं ।
3. व्यवहार परक उपचार मे व्यक्ति को जिस वस्तु या परिस्थिति से डर लगता है उसी से सामना कराया जाता है ताकि  व्यक्ति का भय कम हो सके।इस प्रकार फोबिया को दूर किया जा सकता है ।