देश से नहीं सत्ता से है प्यार



जब प्रधान मंत्री लॉकडाउन की तैयारी कर रहे थे तब गृहमंत्री घोड़े बेचकर नहीं सो नहीं रहे थे, घोड़ों के व्यवसाय (Horse Trading) में लगे हुए थे ! अन्यथा देश को तब्लीगी जमात के कारण हुई समस्या को झेलना ही नहीं पड़ता। आपको याद ही होगा कि अमित शाह  MP में कांग्रेस के MLAs को लुभाने में लगे थे और जब तक  शिवराज सिंह चौहान की सरकार नहीं बनी, जी जान से उसी काम में लगे रहे । लॉक डाउन से पहले विदेशों से आये तब्लीगी जमातियों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया, प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी और गृहमंत्री ने तब्लीगी जमात के रूप में इन  विदेशी live bombs (कोरोना रूपी) को देश में ही टिके रहने दिया। उसके पश्चात आनन-फानन में 135 करोड़ लोगों को संभलने का कोई मौका दिए बिना पूरे देश में लॉक डाउन लागू कर दिया।लॉक डाउन लागू करने पर आंतरिक सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था संभालने का जिम्मा देश के गृह मंत्री का होता है,लेकिन वे तो प्रजातंत्र के गद्दारो का शाही सम्मान करने में तल्लीन थे।वे उन्हें दिल्ली में मालाएं व साफे पहना रहे थे।MP में शाह साहब ने जो घोड़े(MLAs) खरीदने का काम किया वो कितना नैतिक कार्य था, आप सब अच्छी तरह से जानते है। यदि देश के गृहमंत्री अपना कर्तव्य निभाते हुए समय पर सही व उचित फैसले लेकर संवेदनशीलता के साथ काम करते तो देश को आज कोरोना के इस भयावह संक्रमण का सामना नहीं करना पड़ता।जो तब्लीगी जमात के कारण इतना ज्यादा फैला। लेकिन बेचारे गृहमंत्री को सिर्फ विपक्षी सरकारों के विनाश की ही ट्रेनिंग दी गयी है।विकास एवं व्यवस्था करना तो इनके पाठ्यक्रम (syllabus )में था ही नहीं।
       अगर देश के गृहमंत्री घोड़े खरीदने में इतने मशगूल नही होते और समय रहते मरकज के कार्यक्रम को निरस्त कर सभी विदेशियों को देश से बाहर निकाला जाता तो देश के स्वास्थ्य के साथ जो खिलवाड़ हुआ, उसको सफलता पूर्वक रोका जा सकता था।मरकज के मामले में तो ऐसा लगता है कि सांप को पहले तो जानबूझकर निकलने दिया और अब पीछे से लकीर पीटने का नाटक किया जा रहा है।चाटुकार मीडिया जनता के प्रति अपने दायित्व को भूलकर सरकार के आगे दुम हिलाकर अपनी वफादारी साबित करने की होड़ में देश की एकता व अखण्डता को तार-तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।गृहमंत्री को इस आपराधिक लापरवाही के लिए बर्खास्त किया जाना चाहिए तथा प्रधानमंत्री को देश से माफी मांगनी चाहिए।मध्यप्रदेश की सत्ता के लालच में देश के स्वास्थ्य एवं गरीबों,मजदूरों,किसानों व रोज कमाकर खानेवालों के साथ किये गए इस भद्दे मजाक का जवाब समय आने पर जनता अवश्य देगी। एक सवाल आप के लिए छोड़ रहा हूं .. तब्लीगी जमात के विदेशी भारत में कैसे आये व कैसे टिके रह गए, पूरे देश में कैसे फैल गये तथा इसकी जिमेदारी किसकी थी? के बारे गोदी media ने आज तक किसी जाँच की मांग क्यों नहीं की ? अमित शाह के लिए तो चाटुकार कहते भी हैं कि "विश्व में कहीं सरकार बनानी हो तो एकमात्र विश्वसनीय हस्ती है "शाह". तो, साहब ने मध्य प्रदेश में सरकार बनवा दी। तब्लीगी जमात के लोग पूरे भारत में फैलते रहे। इसी आशा के साथ के साथ कि आप देश के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए गृहमंत्री को बर्खास्त करने की मांग का समर्थन करेंगे ...


ये लेखक के निजी विचार हैं