परमात्मा से मत डरो, बुद्ध कहते है कि जब ईश्वर है ही नहीं तो भय किसलिए


धर्मगुरुओं ने ईश्वर व धर्म के नाम पर डराया क्योंकि भय पैदा कर ही शोषण किया जा सकता है. लेकिन गौतम बुद्ध ने न भय दिया, न लोभ.धर्म वाले डराते है. कहते हैं ईश्वर से डरो. इसलिए कई अमीर, वैज्ञानिक व बलशाली लोग भी यह कहते है कि वे ईश्वर के सिवाय किसी से नहीं डरते. 
       यदि परमात्मा प्रेम हैं तो डर कैसा? और जहां डर है वहां प्रेम कैसा? भय के साथ प्रेम की सुगंध नहीं उठ सकती. धर्मों ने डरना सिखाया, कंपाया .नरक में जाओगे, आग से उबलते कड़ाहों मे डाले जाओगे. धर्म व अवतारों ने धमकाया भी .मेरी शरण आओ, सिर्फ़ मेरा स्मरण करो, जाप करो, नहीं तो मोक्ष नहीं मिलेगा. मैं ही मोक्षदाता हूं.उन्होंने चमत्कार बताए, दंड दिये तो श्राप भी दिये.धर्मों ने लोभ लालच भी खूब दिया. पूजा पाठ , प्रार्थना, दान, यज्ञ हवन, तीर्थयात्रा करोगे तो स्वर्ग मिलेगा जहां सोमरस व सुंदर अप्सराएं होगी. धर्मों ने आदेश दिए ,नियम बनाए कि तुम्हें ऐसा करना ही होगा नहीं तो पाप के भागी बनोगे. 
        दरअसल धर्मगुरुओं ने इंसान को भय के  माध्यम से परमात्मा व धर्म के करीब लाना चाहा लेकिन भय से कहीं कोई प्रेम व घनिष्ठता बढती है? भय से तो घृणा हो सकती है.
        लेकिन बुद्ध न भय देते हैं और न लोभ . बुद्ध न आदेश देते और न नियम बनाते है. न दंड देते हैं और न श्राप. बुद्ध तो आदेश रहित उपदेश यानी देशना देते हैं. न तलवार पकड़ते है तीर चलाते है.बुद्ध तो प्यार से समझाते हैं, विचार करने व जागृत होने के लिए फुसलाते है, धमकाते नहीं है. नरक का डर व स्वर्ग का लोभ नहीं देते है.बुद्ध राजी करते हैं नियंत्रित नहीं करते है.
बुद्ध कहते हैं कि मेरी बात समझ में आए तो अपने अनुभव से जानना फिर मानना. मैं तो मार्ग बताने वाला हूं अच्छा लगे तो चल पड़ना. कोई जोर जबर्दस्ती नहीं है. हां , इस मार्ग पर चलोगे तो तुम्हें भी लाभ होगा क्योंकि मैंने भी पाया हैं. बुद्ध ने कहा सोचो, विचार करो, विश्लेषण करो, अनुभव करो.बुद्ध ने विज्ञान दिया अंधविश्वास नहीं. 
        लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि बुद्ध ने श्रद्धा नहीं दी. बुद्ध ने ही श्रद्धा दी. क्योंकि सोच विचार तर्क विवेक की यात्रा से ही कोई अपार प्रेम व श्रद्धा के सैलाब तक पहुंचता है. बुद्ध ने कहा,मेरी शरण नहीं  स्वयं की शरण में जाओ. अत्त दीपो भव. अत्ताहि अत्तनो नाथो. तुम अपने स्वामी स्वयं हो.भय मत करो.